बात मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना
कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में !
कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में !
बहुत जी चुके हम उनके लिये जिनको हम पसंद करते थे
लेकिन अब हमें जीना है उनके लिए जो हमें पसंद करते है ।
हर किसी के नसीब मे कहाँ लिखी है चाहते..
कुछ लोग दुनिया मे आते है फकत तन्हाईयों के लिए..
फासले ही अच्छे है इश्क में यारों,
ज्यादा करीब रहने से मोहब्बत पाक नहीं रहती !!
तुझे कोई और भी चाहे इस बात से दिल थोड़ा जलता है,
पर फखर है मुझे इस बात पर कि हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है।
हर रोज़ दरवाजे़ के नीचे से
सरककर आती है सारे जहान की ख़बरें..
एक तुम्हारा हाल ही जानना
इतना मुश्किल क्यूं है..
मै तो फना हो गया उसकी एक झलक देखकर,
ना जाने हर रोज़ आईने पर क्या गुजरती होगी ।